Startup Business Loan :- भारत में, वर्ष 2015 में जब स्टार्टअप इंडिया अभियान का ऐलान किया गया था! तब से नए लघु और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) की संख्या बढ़ रही है! इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्टार्ट-अप के लिए आर्थिक मदद को बढ़ावा देना है ! ताकि देश के आर्थिक विकास में स्टार्टअप अभी भूमिका निभाते रहें!
साल 2014 में सरकार बदलने के बाद भारत में ! नए विचारों और आधुनिक समस्याओं के समाधान के साथ एक स्टार्टअप लहर देखी गयी ! और यह सिलसिला तब से लेकर अभी तक जारी है। !16 जनवरी 2016 को भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना के अंतर्गत स्टार्टअप्स को फंडिंग सहायता, मार्गदर्शन, और उद्योग भागीदारी (Funding support, guidance, and industry partnerships for startups) के अवसर प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को ! बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुवात की !
Startup Business Loan के लिए योग्यता
- आपके के पास एक बिज़नस प्लान (Business plan) होना चाहिए !
- आपका स्टार्टअप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Private limited company) या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (Limited Liability Partnership) के रूप में ही होना चाहिए !
- फर्म का कुल कारोबार 25 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए
- स्टार्टअप के पास औद्योगिक नीति और प्रमोशन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) से मंज़ूरी होनी चाहिए
- स्टार्ट अप को भारतीय पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय से संरक्षक गारंटी प्राप्त होनी चाहिए
Startup Business Loan के प्रकार
मुद्रा लोन स्कीम (Mudra Loan Yojana)
यह योजना भारत के युवाओं में सबसे लोकप्रिय है! (Micro Units Development and Refinance Agency) लोन योजना सरकार द्वारा छोटे और मध्यम व्यवसाय के लिए शुरू की गई योजना है ! जिसमें, शिशु, किशोर और तरुण नाम के 3 प्रकार के लोन दिए जाते हैं! इस योजना के तहत आवेदक शिशु श्रेणी में 50,000 रुपए तक का लोन ले सकते हैं,! जबकि किशोर में 5 लाख रु. तक और तरूण में यह सीमा 10 लाख रुपए तक है।
- CGTMSE योजना
(Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट एक और सरकारी पहल है ! जो बैंकों और Non-bank financial institution जैसे वित्तीय संस्थानों के माध्यम से छोटे और मध्यम व्यवसाय को फंड देता है! योजना उद्यमियों और स्टार्टअप उद्यमों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुँचाया है! इस योजना के तहत लोन के लिए कोई सिक्योरिटी/ गारंटी देने की ज़रूरत नहीं है।
- इक्विपमेंट फाइनेंस (Equipment finance)
इस योजना के तहत व्यवसायों को उपकरण/ मशीनरी आदि खरीदने के लिए लोन दिया जाता है ! लोन लेने के लिए खरीदे जाने वाले उपकरण/ मशीनरी को बैंक के पास सिक्योरिटी/ गारंटी के रूप में रखना होगा
बैंको से Startup Business Loan लेने के लाभ
अगर बैंकों से Startup Business Loan लेने के फायदों की बात करें ! तो स्टार्ट-अप के लिए बैंकों से बिज़नेस लोन लेना अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेने की तुलना में ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है।
स्टार्ट-अप के लिए बैंक लोन लेने के लाभ:
- किसी भी नए बिज़नस को 3 साल के लिए टैक्स से राहत दी जाती है।
- बैंक लोन की ब्याज दर कम होती है, क्योंकि निवेशकों से फण्ड लेना स्टार्ट-अप के लिए काफी महंगा होता हैं, क्योंकि उन्हें निवेशकों को उनके निवेश पर 5 से 10 गुना रिटर्न देना पड़ता है।
- बैंकों के पास जाना और लोन के लिए सही बैंक चुनना आसान है, क्योंकि भारत में बहुत सारे बैंक उपलब्ध हैं।
- स्टार्टअप्स या बिज़नेस को लोन देने के लिए बैंकों के पास एक स्थापित फ्रेमवर्क है। जबकि, निवेशकों से फण्ड लेने की प्रकिर्या अधिक जटिल है।
- बैंक से लोन लेने पर व्यवसाय का लाभ (साथ ही नुकसान) केवल लोन लेने वाले व्यक्ति का है।
लोन के लिए दस्तावेज़ (documents required for loan)
- पहचान प्रमाण, जैसे- आधार कार्ड , पैन कार्ड , पासपोर्ट , मतदाता पहचान पत्र
- पते का सबूत
- आय सबूत
- वित्तीय दस्तावेज
- व्यवसाय के स्वामित्व का प्रमाण
लोन के लिए पात्रता (Eligibility for loan)
- आवेदक की आयु 21-65 वर्ष होनी चाहिए
- व्यवसाय का प्रमाण होना चाहिए
- सभी प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे